इटावा औरैया, फरवरी 17 -- इटावा में हर माह तकरीबन चार लोगों की जान अन्ना जानवरों के हमलों की वजह से जा रही है। खेत से किसान की नजर चूकी तो यह फसल उजाड़ देते हैं और सड़क पर नजर चूकी तो हड्डी टूटने के साथ जान तक जा सकती है। यह दर्द किसानों ने आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से साझा किया। बताया कि फसल की रखवाली के लिए रातभर जागना पड़ता है। हाईवे और खेतों पर आतंक मचा रहे अन्ना मवेशियों को पकड़ने के लिए शहर में कैटल कैचिंग दस्ता तक नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक महीने में तकरीबन 50 मौतें इन्हीं आवारा पशुओं के हमले से हो रही हैं। अचरज इस बात का है कि इतनी मौतें होने के बाद भी इन्हें पकड़ने के लिए शहर में कैटल कैचिंग दस्ता तक नहीं है। आंकड़ों पर नजर डाले तो जिले में 89 गौशालाएं हैं। इनमें 11250 अन्ना मवेशियों का संरक्षण हो रहा है। किसान श्याम सुंदर बताते ...
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