गया, सितम्बर 26 -- महाबोधि मंदिर परिसर स्थित पवित्र बोधिवृक्ष का बेहतर स्वास्थ्य को लेकर शुक्रवार को महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रिया अपनाई गयी। देहरादून स्थित फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफआरआई) से आए पौध संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. शैलेश पांडेय और डॉ. संतन भारथवाल ने बोधिवृक्ष का गहन परीक्षण करने के बाद नीम आधारित दवा का स्प्रे कराया। वैज्ञानिकों ने कहा कि स्प्रे का उद्देश्य है कि आसपास के पेड़ों से संभावित कीटों के हमले को रोका जा सके। करीब तीन घंटे तक वृक्ष की शाखाओं, तने और पत्तों की बारीकी से जांच की गयी। इसके बाद यह स्पष्ट किया गया कि पवित्र बोधिवृक्ष पूरी तरह स्वस्थ है। इसमें किसी भी तरह का कीट संक्रमण या रोगजनक गतिविधि नहीं पायी गयी है। एहतियात के तौर पर पास के एक पेड़ की कुछ शाखाओं को हटा दिया गया। ताकि संक्रमण का कोई जोखिम न रहे और वृक्ष को...