साहिबगंज, अगस्त 7 -- पतना प्रखंड के मयुरझुटी धुमकुड़िया भवन में आदिवासी जागवार बैसी ने पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरू शिबू सोरेन के निधन पर बुधवार की शाम को शोकसभा की। इस क्रम में गुरूजी की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मन रखा। इस क्रम में सेबेस्टियन हेम्ब्रम ने बताया कि आदिवासियों के मसीहा थे गुरूजी। वे 1970 में टुंडी से महाजनों, सूदखोरों व नशा के विरूद्ध में अपना आंदोलन शुरू किया था। उनके द्वारा हड़िया दारू बंद करने का जो जागरूकता अभियान चलाया गया था, स्मरणीय है। उन्होंने यह भी बताया कि आज फिर से गुरूजी शिबू सोरेन की जरूरत है। राज्य में हर चौक चौराहे पर हड़िया दारू बेचने व आदिवासी द्वारा जमीन बेचने चरम पर है। उन्होंने कहा गुरूजी हमेशा अमर रहेंगे। मौके पर बैसी के अध्यक्ष संटु किस्कू, मनोज हांसदा, छूमु मुर्मू, रमेश हेम्ब्रम, मरकुश हेम्ब्रम,...