नई दिल्ली, नवम्बर 4 -- आज कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है, जिसे बैकुंठ चतुर्दशी कहा जाता है। इसे बैकुंठ चौदस भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन हरि और हर की भक्ति करने से पाप मिटते हैं, दुख-दर्द दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है। काशी (वाराणसी) में इस दिन का खास उत्सव होता है। बाबा विश्वनाथ मंदिर में परंपरागत तरीके से पूजा और भव्य महाआरती की जाती है। भगवान विष्णु की पूजा निशीथकाल यानी रात के समय और भगवान शिव की पूजा अरुणोदय यानी सूर्योदय से पहले की जाती है। भक्त सुबह-सुबह मणिकर्णिका घाट पर स्नान करते हैं जिसे बहुत पवित्र माना गया है। मान्यता है कि बैकुंठ चतुर्दशी पर शिवजी को तुलसी और विष्णु जी को बेलपत्र अर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यता ये भी है कि इस दिन भगवान शिव भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और भगवान विष्णु ...
		
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