नई दिल्ली, जुलाई 23 -- देश के अधिकांश बैंक लोक कल्याण जैसे उद्देश्य को छोड़कर अब व्यावसायिक लक्ष्यों के तहत अपनी सेवाओं पर शुल्क लगा रहे हैं। बैंकों द्वारा ग्राहकों से जुड़ी हर छोटी सेवा पर शुल्क लगाया जा चुका है। बीते पांच से छह वर्षों के दौरान बैंकों ने अपनी अधिकांश सेवाओं पर शुल्क लगाया है। इतना ही नहीं, कई तरह के शुल्कों में बैंकों ने बढ़ोतरी भी की है। आज स्थिति यह है कि बैंक से पासबुक अपडेट करानी हो या फिर ग्राहक को अपने हस्ताक्षर सत्यापित कराने हों, सभी पर शुल्क देना होता है। उधर, बैंकों ने ग्राहकों को दी जानी वाली सुविधाओं में कटौती की गई। मई में बैंकों ने एटीएम के जरिए निर्धारित सीमा (मासिक पांच) से अधिक बार धनराशि निकालने पर प्रति निकासी 23 रुपये का शुल्क लगाया है। एक जुलाई से विशिष्ट क्रेडिट कार्ड लेनदेन पर नए शुल्क भी लागू किए ...