धनबाद, मार्च 2 -- धनबाद, मुख्य संवाददाता सबकुछ तो नहीं चाहिए, चाहिए वही था... बेजान नहीं होते घर, इनको भी नजर लगती है..। कविता संग्रह हद या अनहद के कवि डॉ सुनील कुमार शर्मा शनिवार को बीबीएमकेयू पहुंचे। डॉ शर्मा ने बीबीएमकेयू में आयोजित कार्यक्रम में पिता और बेटी की रिश्तों पर कविताओं का पढ़कर सबों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मौका था अनहद कोलकाता एवं स्नातकोत्तर हिंदी विभाग बीबीएमकेयू के संयुक्त तत्वावधान में चौथा मनीषा त्रिपाठी स्मृति अनहद कोलकाता सम्मान समारोह का। लेखक डॉ सुनील को मनीषा त्रिपाठी स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि हिन्दी साहित्यकार रविभूषण ने कहा कि डॉ शर्मा की कविताएं जीवनौमुखी हैं। जीवन को उदासी का रंग पसंद नहीं है, खुशी का रंग प्रिय है। इसलिए वे सघन अंधकार में भी प्रकाश की एक फीकी रखा को तलाशते नजर आते हैं। पत्...