प्रयागराज, जून 27 -- प्रयागराज। नशा, नाश का कारण बनता है। नशा संबंधित व्यक्ति को ही नहीं बल्कि परिवार को भी अपनी गिरफ्त में ले लेता है। कॉल्विन अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. राकेश पासवान ने बताया कि उन्होंने बताया कि नशे की लत की शुरुआत किशारोवस्था में होती है। बच्चे की संगत पर ध्यान न दें तो नशे की गिरफ्त में आ जाता है।ओपीडी में आने वाले 10 लोगों मे से पांच युवा होते हैं। इसमें स्मैक, गांजा, भांग, शराब, नशीली दवाएं लेने वाले लोग शामिल होते हैं। नशे की लत अब घरों के टूटने की सबसे बड़ी वजह बन रही हैं। शादीशुदा जीवन में अलगाव हो रहा है। ट्रांसपोर्ट नगर में न्यू होप नशा मुक्ति केंद्र के 30 लोगों का इलाज चल रहा है। शहर में इस समय स्मैक, गांजा, भांग और शराब का नशा करने लोग सबसे ज्यादा हैं। इसका प्रभाव युवाओं के कॅरियर, स्वास्थ्य और परिवार पर पड़त...