अलीगढ़, दिसम्बर 26 -- अलीगढ़, कार्यालय संवाददाता। श्री बालाजी सेवा समिति द्वारा सौभाग्य मंडप में भक्तमाल कथा का आयोजन किया गया है। गुरुवार को सात कबीर दास और सदना कसाई की कथा का वर्णन किया। कथा व्यास संजय कृष्ण सनेह महाराज ने बताया कि कबीरदास 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के ज्ञानमर्गी उपशाखा के महानतम कवि हैं। इनकी रचनाओं ने हिन्दी के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनकी रचनाएं सिक्खों के आदि ग्रंथ में सम्मिलित की गयी हैं। उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वास की निंदा की। उनकी रचनाएं प्रसिद्धि है कि ''बुरा जो देखन में चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय''। इसके बाद सदना कसाई की कथा का वर्णन किया। कथा में आलोक अग्रवाल, योगेश, रवि, प्रद...
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