नई दिल्ली, अगस्त 20 -- श्रीकांत कोंडापल्ली, प्रोफेसर, चाईना स्टडीज, जेएनयू गलवान संघर्ष के बाद पहली बार नई दिल्ली पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग यी के दौरे को यदि एक पंक्ति में परिभाषित करें, तो यही कहना उचित होगा कि वह ठंडे पड़े द्विपक्षीय संबंधों में गरमाहट लाने के लिए आर्थिक रिश्ते की वकालत करते रहे, मगर सीमा पर तनाव कम करने को लेकर कोई ठोस संकेत नहीं दिया। मगर भारत पहले सीमा पर शांति और स्थिरता का हिमायती है। इसका संकेत साफ है। दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ जल्दी पिघलने वाली नहीं है। वांग यी मूलत: तीन वजहों से भारत आए थे। एक, भारत-चीन के विशेष प्रतिनिधियों के 24वें दौर की वार्ता में उन्हें शिरकत करनी थी। इसमें द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत हुई। उनकी राय थी कि दोनों देशों को आपसी बातचीत जारी रखनी चाहिए और वैश्विक ...