अयोध्या, मार्च 17 -- बीकापुर। सोमवार सुबह अचानक तेज हवा के चलते शुरू हुई हल्की बारिश के साथ ओले भी गिरे। ओले गिरते समय किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई रही। शुक्र था कि केवल एक दो मिनट ही ओले गिरे। यदि बरसात तेज हो जाती तो किसानों की तैयार सरसों और आलू की फासले बर्बाद होने में देर नहीं लगती। किशन राम भजन निषाद, गीता देवी, सुरेंद्र प्रसाद पाण्डेय, हनुमंत पाण्डेय, रमाकांत द्विवेदी, विनय कुमार पाण्डेय, अरुण द्विवेदी सहित ने बताया कि मटर दाने जैसे ओले गिरे यदि और थोड़ी देर ओले गिर गए होते तो तैयार सभी फैसले बर्बाद हो जाती।

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