रांची, फरवरी 25 -- रांची, विशेष संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र ने भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ साझेदारी में बायोटेक किसान हब के तहत बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में क्षमता आवश्यकता मूल्यांकन पर मंगलवार को कार्यशाला की। इसका उद्देश्य कृषि में महिलाओं के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं का आकलन करना, चावल आधारित कृषि प्रणालियों, मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण में तकनीकी प्रगति और उद्यमशीलता के मौकों को बढ़ावा देना है। यह पहल आईआरआरआई-डीबीटी सहयोगी परियोजना खाद्य सुरक्षा और आय में वृद्धि के लिए कृषि में तकनीकी नवाचार का हिस्सा है। यह परियोजना झारखंड सहित 7 प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में फैली हुई है। मौके पर बीएयू कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि आगामी प्रशिक्षण में बीज चयन, कृषि तकनीक, मिट्टी और पो...