नई दिल्ली, नवम्बर 14 -- मनीषा प्रियम,राजनीतिक विश्लेषक बिहार विधानसभा चुनाव का यह नतीजा अप्रत्याशित है। शायद ही किसी ने आकलन किया होगा कि भाजपा और जद (यू) गठजोड़ इतनी बड़ी जीत हासिल करेगा। राज्य में एनडीए को दो-तिहाई से अधिक सीटें (80 फीसदी से ज्यादा) मिली हैं, जबकि महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस गठबंधन में राजद ने ही नहीं, कांग्रेस, वीआईपी, वाम जैसे तमाम दलों ने निराश किया है। चुनाव-पूर्व सभी यह मानकर चल रहे थे कि दो दशक के शासन-काल के बाद नीतीश सरकार के खिलाफ सत्ता-विरोधी रुझान है। सेहत तो उनका साथ नहीं ही दे रही, उनके पास सेकंड लाइन नेतृत्व भी नहीं है। लिहाजा, चुनाव में जद (यू) एनडीए की कमजोर कड़ी साबित होगी, और भाजपा बेशक अपने दम पर बहुत कुछ खींच ले जाए, लेकिन उसके लिए कांग्रेस-राजद महागठबंधन से मुकाबला करना आसान नही...