कानपुर, जुलाई 13 -- वरिष्ठ साहित्यकार जयराम सिंह गौर के 82 वें जन्मदिन पर श्याम नगर में कवि सम्मेलन हुआ। जयराम गौर ने हमने गीत चुराए हैं, मीत अब आ जाओ, सच बहुत अच्छा लगा अबकी तुम्हारा गांव, ये महकती शाम जैसी अपनी कालजयी रचनाएं सुनाकर भाव विभोर कर दिया। डॉ. सुषमा सेंगर ने बाल कविता जैसे पानी बरसेगा, चाय-पकौड़ी खाएंगे सुनाकर सबको बचपन की याद दिलाई। डॉ. राधा शाक्य ने जौहरों में दहेजों में सतियों में भी नारियां ही जलें क्यों ये समझाइए सुनाकर सोचने पर मज़बूर किया। डॉ. हेमा पांडेय ने दो बोध कथाएं सुनाईं और कहा कि यदि आपको कोई रोकने-टोकने वाला है तो शुक्र मनाएं क्योंकि जिन बागों में माली नहीं होते वो बाग उजड़ जाते हैं। मधु मोहिल की काव्य रचना के बाद डॉ. कनक लता गौर ने सखी री उमड़ घुमड़ घन छाए, बिजुरी चमकात बदरा गरजत, हमरो मन घबराए सुनाई। अध्यक्षता...
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