सोनभद्र, मार्च 17 -- अनपरा,संवाददाता। बिजली के निजीकरण का विरोध कर रही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, ने सोमवार को आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार के कारण कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) के प्राविधान को हटाकर निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसलटेंट की बिडिंग कराई गई है। ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति के आरएफपी डॉक्यूमेंट में पहले हितों के टकराव का प्राविधान था जिसे हटाया गया है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे का आरोप है कि ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति हेतु अर्नेस्ट एंड यंग, ग्रैंड थ्रामटन और डेलॉइट कम्पनी ने बीड डाली है जिनके लिए पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को स्पष्ट करना चाहिए कि यह तीनों कंपनियां बिजली के मामले में कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट के दायरे में आती है या नहीं। उन्होंने कहा कि यदि यह कंपनियां कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट के...