बागपत, सितम्बर 21 -- कहा जाता था कि उम्र बढ़ने के साथ लोगों को भूलने की बीमारी हो जाती है। परिजनों तक को भी बुजुर्ग लोग पहचानने में दिक्कत महसूस करने लगते हैं, लेकिन अब बिगड़ी दिनचर्या और मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग के कारण छोटे बच्चे भी अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। दरअसल, अल्जाइमर का खतरा मस्तिष्क में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी होने के कारण बढ़ता है। यह एक मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है। अल्जाइमर और डिमेंशिया में दिमाग सिकुड़ जाता है, सक्रियता कम होने लगती है। डिमेंशिया 70-75 वर्ष आयु के बाद होता है जबकि अल्जाइमर ऐसी बीमारी है, जिसे होने के लिए किसी उम्र की कोई सीमा ही नहीं है। यह बीमारी जेनेटिक भी हो सकती है। सामाजिक समस्या से भी हो सकती है। पारिवारिक तनाव या प्रदूषण से भी हो सकती है। अ...
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