बिजनौर, मई 12 -- कृषि विज्ञान केंद्र नगीना वर्तमान समय में किसान भाई अपने गेहूं सरसों आदि फसलों से खाली हुए खेतों में खरीफ फसल लगाने की प्लानिंग कर रहे होंगे। कृषि वैज्ञानिक डॉ. केके सिंह ने बताया कि धान की खेती जनपद में लगभग 55000 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर की खेती की जाती है उसमें सबसे अधिक क्षेत्रफल बासमती धान उगाया जाता है। बासमती धान का उत्पादन करने से किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त होता है। पूसा बासमती 1692: यह प्रजाति बासमती धान की प्रजातियां में सबसे कम अवधि की उच्च गुणवत्ता युक्त वाली प्रजाति है। यह प्रजाति 110 से 115 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस प्रजाति से औसतन प्रति हेक्टेयर उत्पादन 53 कुंतल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। पूसा बासमती 1885 : यह प्रजाति पूसा बासमती 1121 को सुधार करके बनाया गया है। इस प्रजाति की फसल अवध...