कोडरमा, फरवरी 18 -- कोडरमा, संवाददाता । जिला विधिक सेवा प्राधिकार,चाइल्ड लेबर फ्री माइका कार्यक्रम सहयोग कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के संयुक्त संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें बाल यौन शोषण और इंटरनेट के जरिए बाल यौन उत्पीड़न सामग्री सर्कुलेशन पर रोकथाम को लेकर चर्चा की गई। । बतौर मुख्य अतिथि प्राधिकार सचिव गौतम कुमार ने कहा कि 23 सितंबर 2024 को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द पर रोक लगाते हुए बाल यौन शोषण और उत्पीड़न सामग्री के शब्द को प्रयोग करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। इसके साथ ही बाल यौन शोषण और उत्पीड़न सामग्री रखना,देखना और इसे प्रसारित करने को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। ऐसा करने वाले लोगों को अब जेल भी जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा क...
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