किशनगंज, अगस्त 4 -- बहादुरगंज निज संवाददाता । शनिवार की रात हुई मुसलाधार बारिश से धान उत्पादक किसानों के चेहरे खिल गये हैं। एक ओर औसत से काफी कम छिटपुट बारिश के कारण धान उत्पादक किसानों को धान की रोपनी के लिए डीजल पंपसेट एवं बिजली संचालित मोटर पर निर्भर रहना पड़ रहा था। क्षेत्र में धान की खेती मुख्य उत्पादक फसल के तौर पर शामिल है। धान की खेती के लिए आज भी अधिकांश किसान प्रकृति पर निर्भर है। प्राकृतिक बारिश अच्छी होने पर धान का पैदावार लाभकारी एवं औसत से कम बारिश होने पर धान का पैदावार किसानों के लिए नुकसानदायक हो जाता है। क्षेत्र के अधिकांश किसानों की हकीकत बन गई है। ज्ञात हो कि सरकारी स्तर पर किफायती दर पर सिंचाई की व्यवस्था प्रभावी होने के बावजूद क्षेत्र के किसान बिजली मोटर संचालित सिंचाई कनेक्शन के प्रति उत्साह विहीन बनकर आज भी परंपरागत...