सिमडेगा, जुलाई 1 -- सिमडेगा, प्रतिनिधि। जिले के कई गांव ऐसे हैं जहां बारिश आते ही नदी की धारा पर बच्चों की पढ़ाई निर्भर करती है। अगर नदी में पानी ज्यादा है तो बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। क्योंकि आज भी 25 से 30 गांव ऐसे हैं जो पुल-पुलिया के आभाव में बारिश आते ही टापू बन जाता है। इन गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय और प्रखंड मुख्यालय से लगभग तीन माह तक कट जाता है। संपर्क कट जाने के बाद इन गांवों के लोग टापू की जिंदगी जिने को विवश हो जाते हैं। ठेठईटांगर का कुसूमटोली, पांगीनपहाड़ गांव के छात्र जान जोखिम में डालकर जामपानी स्कूल जाते है। गांव से स्कूल के पथ में स्थित एक झरिया है और झरिया में पुल नहीं है। टांड़पानी, बिरंगाटोली, जोधिटोली, पांगीनपहाड़, बोराघाट गांव के छात्र परेशानी झेल रहे है। कोलेबिरा बरसलोया बरटोली गांव के ग्रामीण धौलवीर नदी में पुल...
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