नई दिल्ली, सितम्बर 22 -- समाज में जाति आधारित विद्वेष को ही नहीं, विभेद को भी समाप्त करना जरूरी है, ताकि सद्भाव के साथ सबके विकास को बल मिले। इस दिशा में सही काम करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने जाति-आधारित राजनीतिक रैलियों, सार्वजनिक प्रदर्शनों और पुलिस रिकॉर्ड में जाति-संबंधी उल्लेखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। खास बात यह है कि राज्य सरकार ने यह फैसला इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद लिया है। यह गौर करने की बात है कि जाति आधारित संगठनों और रैलियों की बाढ़ आ गई है। एक-एक जाति के अनेक संगठन बनने लगे हैं। जातिगत संगठन जब सड़क पर उतरते हैं, तब इससे न केवल सार्वजनिक व्यवस्था, बल्कि राष्ट्रीय एकता भी प्रभावित होती है। किसी जाति के प्रति लगाव दर्शाने के लिए किसी अन्य जाति को नीचा दिखाने की भी गलत परंपरा पड़ती दिख रही है। जाति आधारित पोस्टर...