दरभंगा, अगस्त 26 -- सती स्थान की महत्ता व उनके चमत्कारों की कई कहानियां लोग सुनाते हैं। उत्तम पासवान, सुधा देवी, गिरी राय आदि बताते हैं कि लालकोठी के स्वामियों ने सती पिंडी पर रोजाना फूल चढ़ाने की जिम्मेवारी मालिन जाति की महिला को सौंपी। आज भी उसी परिवार की महिलाएं सती मैया की पुजारिन हैं। उन्होंने बताया कि सती मैया को पान-सुपारी के साथ चना, अरवा चावल, चीनी का लड्डू आदि के साथ छागर भी चढ़ाया जाता है, पर बलि प्रदान की प्रथा नहीं है। इसलिए चढ़ाने के बाद छागर को भक्त लेकर लौट जाते हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार व शुक्रवार को करीब तीन से चार हजार और नवरात्रि में 10 हजार से अधिक लोग आते हैं। वे पानी, शौचालय आदि के अभाव से जल्द पूजा कर लौट जाते हैं। उन्होंने बताया कि बागमती नदी किनारे विकास की उचित पहल हो तो भक्तगण पर्यटन का भी लाभ उठाएंगे। इसका ला...