नई दिल्ली, नवम्बर 2 -- जिंदगी के तूफान में टिके रहने के लिए बांस जैसी मानसिकता बहुत जरूरी है। जहां बड़े-बड़े पेड़ आंधियों के आधीन हो जाते हैं, वहीं बांस लचकता हुआ मजे से आंधी को जीत लेता है। बांस का पौधा लगाने के बाद वर्षों तक कोई विकास नहीं दिखाई देता, क्योंकि इसकी जड़ें जमीन के नीचे फैलती हैं। ऐसा ही धैर्य कंपनी की विकास प्रक्रिया में रखना पड़ता है। पहले वर्षों तक कोई विकास नहीं दिखाई देगा; उसी समय यह भरोसा रखना होता है कि अंततः तेज विकास होगा। हम श्रम किए जाएं। बांस मानसिकता एक ऐसी मानसिकता है, जो धैर्य, लचीलापन और दृढ़ता को प्रोत्साहित करती है। सफलता के लिए पहले विफलताओं को स्वीकार करना जरूरी है। उनसे हारना नहीं, बल्कि बिना टूटे चुनौतियों का स्वागत करना। ऐसा व्यक्ति मानसिक रूप से लचीला होता है, हवा का विरोध करने के बजाय उसके साथ झुक ज...
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