आगरा, जुलाई 27 -- केपी सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल की डा. बबीता गुप्ता का कहना है कि बांझपन अब कोई शर्म की बात नहीं रह गई है। यह एक मेडिकल कंडीशन है। जिसका इलाज अब सुरक्षित और सफलता से संभव है। वे आईवीएफ दिवस पर बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से संतान सुख से वंचित लोग बिना किसी झिझक के विशेषज्ञों से परामर्श ले सकते हैं। सही समय पर इलाज से जीवन बदल सकता है। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. अरुन कुलश्रेष्ठ ने बताया कि हर 25 जुलाई को आईवीएफ दिवस मनाया जाता है। 1978 में पहला टेस्ट ट्यूब बेबी लुइस ब्राउन पैदा हुआ था। अब तक दुनिया में 80 लाख से अधिक बच्चे इस विधि से जन्म ले चुके हैं। अनगिनत परिवारों के घरों में किलकारियां गूंजी हैं। अस्पताल का प्राइम आईवीएफ सेंटर इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।

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