बांका, अक्टूबर 31 -- बांका, निज संवाददाता। जिले में कुटीर उद्योगों के विकास की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन योजनागत पहल और सरकारी प्रोत्साहन के अभाव में यह क्षेत्र अब तक उपेक्षित रहा है। पारंपरिक कौशल, प्राकृतिक संसाधन और मेहनतकश युवाओं की मौजूदगी के बावजूद स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सीमित हैं। यदि जिला प्रशासन और उद्योग विभाग इसके लिए ठोस रणनीति बनाकर छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करें, तो बांका से बेरोजगारी की समस्या काफी हद तक समाप्त हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बांका में बांस उत्पाद, हथकरघा, मधु उत्पादन, अचार-मुरब्बा निर्माण, मूंगफली प्रसंस्करण, सिरेमिक और हर्बल उत्पाद जैसे कुटीर उद्योगों की अच्छी संभावना है। यहां की मिट्टी, जलवायु और श्रमशक्ति इन उद्योगों के लिए अनुकूल है। कई स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और महिला उद्यमी भी अब इ...