लखीमपुरखीरी, अक्टूबर 12 -- शहर का दशहरा मेला इन दिनों सांस्कृतिक रंगों और सामाजिक सद्भाव का जीवंत प्रतीक बना हुआ है। मेले में चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम की सातवीं शाम करवा चौथ के अवसर पर हुई जवाबी कव्वाली कार्यक्रम ने मेले की रौनक को नई ऊंचाई दी। इस सुरमयी संध्या में जहां प्रेम और भाईचारे की सरिता बही, वहीं गंगा-जमुनी तहज़ीब की अनमोल झलक ने हर दिल को छू लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री हाजी आरएस उस्मानी ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। उन्होंने कहा कि गंगा-जमुनी तहज़ीब की यह शाम लखीमपुर की पहचान है। पालिकाध्यक्ष डॉ. इरा श्रीवास्तव ने की। जवाबी कव्वाली की शुरुआत बरेली के प्रसिद्ध कव्वाल साबिर चिश्ती ने अपने अंदाज़ में की जिसे मुस्तफ़ा से मोहब्बत नहीं है, क़ुबूल उसकी कोई इबादत नहीं है...उनके सुरों ने ऐसा समां बांधा कि पंडाल ता...