मुजफ्फरपुर, जुलाई 3 -- मुजफ्फरपुर। हर सुबह मोटरसाइकिल पर दूध की टंकी लेकर निकलने वाले अपने दिन बहुरने का इंतजार कर रहे हैं। सुविधायुक्त दूध की मंडी नहीं होने के कारण ये होटलों से लेकर घर-घर घूमकर दूध बेचते हैं। इसके कारण इन्हें वाजिब दाम नहीं मिल पाता। महंगा चारा तो नकद खरीदना पड़ता है, लेकिन दूध का कारोबार उधार पर ही चलता है। किसी महीने पैसे नहीं मिले तो दाल-रोटी का जुगाड़ मुश्किल हो जाता है। दुग्ध उत्पादकों का कहना है कि जीरोमाइल के पास हमलोग इकट्ठा होकर दूध बेचते हैं तो कभी प्रशासन अतिक्रमण के नाम पर भगा देता है तो कभी जबर्दस्ती ऑटो वाले भगा देते हैं। एक जगह सुविधायुक्त बाजार हो जाए और सरकार पशुधन व पशुपालकों की बेहतरी के लिए सार्थक पहल करे तो कारोबार बेहतर हो। हर सुबह शहर में घर-घर दूध पहुंचाने वाले जिले के करीब 450 दुग्ध उत्पादक कई स...