नई दिल्ली, जून 26 -- आज, यानी 27 जून को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) दिवस है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित इस दिवस का मकसद है, दुनिया भर के देशों द्वारा अपने-अपने यहां एमएसएमई की बेहतरी पर ध्यान देना। ऐसा करना जरूरी है, क्योंकि आकलन है कि बढ़ते वैश्विक कार्यबल को संभालने के लिए साल 2030 तक 60 करोड़ नौकरियों की जरूरत होगी, जिनकी पूर्ति में एमएसएमई काफी कारगर साबित हो सकते हैं। यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र तमाम सरकारों से अपेक्षा करता है कि वे अपने यहां इन उद्यमों के विकास को पर्याप्त तवज्जो दें। भारत में भी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग आर्थिक वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह क्षेत्र न सिर्फ देश की जीडीपी में करीब 30 फीसदी का योगदान देता है, बल्कि कुल निर्यात में भी 45 फीसदी की अहम भागीदारी निभाता है। यह दे...