नई दिल्ली, जून 25 -- छोटे बच्चों का पेरेंट्स के साथ सोना बहुत आम बात है। एक उम्र तक तो ये ठीक है लेकिन जब ये आदत लंबी चलने लगती है, तो इसके कई दुष्परिणाम सामने आने लगते हैं। शुरुआत में ये बच्चों को सुरक्षा और प्यार का एहसास देता है, लेकिन धीरे-धीरे इस वजह से बच्चों का मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास प्रभावित होता है। कई बार पेरेंट्स ये सोचकर बच्चों को अपने पास सुला लेते हैं कि वो अकेले डरेंगे या रोएंगे, लेकिन पेरेंट्स का ये फैसला बच्चे के लिए सही नहीं है। पेरेंट्स के साथ सोने की बच्चों की आदत उनके अंदर कुछ बुरी आदतें विकसित कर सकती हैं। चलिए जानते हैं पेरेंट्स के साथ सोने से बच्चे के अंदर कौन सी बुरी आदते आ सकती हैं।आत्मनिर्भरता की कमी जब बच्चा हमेशा पेरेंट्स के साथ सोता है, तो वो खुद पर भरोसा करना नहीं सीख पाता। उसे हर समय यह महसूस हो...
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