भागलपुर, मई 18 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता। मायागंज अस्पताल के शिशु रोग विभाग के पीजी छात्र डॉ. निशांत ने बताया कि वैसे तो बच्चों में हाईपरटेंशन अपेक्षाकृत दुर्लभ होता है, लेकिन यदि होता है तो अधिकतर मामलों में यह सेकेंडरी हाईपरटेंशन होता है, जो किसी अन्य रोग, गुर्दे से संबंधित बीमारियों जैसे कि ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस, नेफ्रोटिक सिंड्रोम या क्रोनिक किडनी बीमारी के कारण होता है। डॉ. निशांत, विश्व हाईपरटेंशन दिवस के मौके पर मायागंज अस्पताल के पीजी शिशु रोग विभाग में 'बच्चों में होने वाला हाईपरटेंशन विषयक संगोष्ठी में व्याख्यान दे रहे थे। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे पीजी शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अंकुर प्रियदर्शी ने कहा कि बच्चों में हाईपरटेंशन को लेकर जागरूकता की आवश्यकता है। क्योंकि समय रहते इसका निदान और उपचार न किया जाए तो यह भविष्य मे...