बिजनौर, फरवरी 13 -- बदलते मौसम में बच्चों पर खसरा के संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। होली के आसपास इस वायरस का खतरा बढ़ जाता है। चिकित्सकों की ओपीडी में इक्का-दुक्का पीड़ित बच्चे आने शुरु भी हो चुके हैं। चिकित्सकों के अनुसार, खसरा एक संक्रामक बीमारी है, जिसे मीजल्स के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी बच्चों में आसानी से फैलती है और लापरवाही पर कई बार जानलेवा भी सिद्ध हो सकती है। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. एके अग्रवाल ने बताया कि खसरा होने पर बच्चों को तेज बुखार (करीब 105 डिग्री तक) आता है। इसमें बुखार के साथ बच्चों के शरीर पर छोटो-छोटे लाल दाने हो जाते हैं। समय से सही इलाज न हो तो बच्चे की स्थिति गंभीर हो सकती है। इसमें दस्त, कान के संक्रमण व निमोनिया का भी खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि खसरा से बचाव संभव है। मीजल्स 5 साल से कम उम्र के ...