झांसी, नवम्बर 15 -- कस्बा के गुलाब बाग धाम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में पं. नितिन कृष्ण महाराज ने भगवान श्री कृष्ण के 16108 विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि विवाह सोलह संस्कारों में एक संस्कार है। विवाह वैदिक विधि से होना चाहिए एवं दाम्पत्य जीवन एक आदर्श होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के साथ-साथ अपने धर्म के बारे में गोत्र एवं शाखा की जानकारी होना चाहिए। आदर्श भगवान श्री राम के जीवन एवं उनकी दिनचर्या उनके संस्कारों का ज्ञान भी देना जरूरी है । उन्होंने कहा कि सुदामा भगवान के बाल सखा थे गुरु आश्रम में श्री कृष्ण के साथ शिक्षा प्राप्त की एवं सुदामा के जीवन में संयम, साधना, सत्यता एवं भजन करना प्रधान दिनचर्या थी उसी वजह से भगवान ने भगवान से मिलने जब सुदामा जी तंदुल भेंट लेकर द्वारका गए थे तो भगवान ने हृदय से लगा...
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