नई दिल्ली, अप्रैल 24 -- बच्चों का मन करे तो सारा दिन सिर्फ खेलने-कूदने में ही बिता दें। ये बात पैरेंट्स अच्छी तरह समझते हैं इसलिए समय-समय पर बच्चों को पढ़ाई करना भी याद दिलाते ही रहते हैं। बचपन में खेलना-कूदना स्वाभाविक है और बच्चों के विकास के लिए जरूरी भी। लेकिन पढ़ाई का महत्व भी उतना ही है और इसलिए शुरू से बच्चों में पढ़ाई की आदत डालना भी बेहद जरूरी है। लेकिन परेशानी तब बढ़ती है जब बच्चे पढ़ने का नाम ही नहीं लेते। इस स्थिति में ज्यादातर पैरेंट्स उन्हें डांट-डपटकर, जबरदस्ती पढ़ने बैठा देते हैं लेकिन क्या ये सही है? एक्सपर्ट्स के मुताबिक बच्चों को हमेशा प्यार से समझाकर, पढ़ाई का महत्व बताकर की पढ़ने बैठाना चाहिए वरना जबरदस्ती के तो उल्टा बड़े नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं। आइए जानते हैं क्यों बच्चों को धमकाकर पढ़ने नहीं बैठाना चाहिए।पढ़ाई...
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