बेगुसराय, फरवरी 16 -- बेगूसराय, हिन्दुस्तान संवाददाता। बच्चों की बौद्धिकता के विकास में माता-पिता की भूमिका अहम होती है। आज के दौर में बच्चों को समय देना और उन्हें सामाजिक व सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी देकर उन्हें बौद्धिक रूप से सशक्त बनाने के दायित्व को हर अभिभावक को चुनौती के रूप में लेना होगा। ये बातें रविवार को बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप स्थित कल्याण केन्द्र में रविवार को आयोजित आशा मिश्रा स्मृति व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए जेएनयू समाजशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद कुमार ने कहीं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अध्यात्म प्रधान है जबकि पश्चिमी देशों में भौतिकवाद की प्रधानता है। आज के दौर में आश्वयकता इस बात की है कि अध्यात्म और भौतिक विकासवाद को मिलाकर संपूर्ण दुनिया में बेहतर मानवोचित माहौल बनाया जाए। उन्होंने कहा ...