लखीसराय, अप्रैल 21 -- लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। नवजात के जन्म से उसके एक वर्ष के होने तक उचित पोषण के अलावा उसकी शारीरिक क्रियाओं पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है। उसके शारीरिक व्यवहार से उसके विकास का अंदाजा लगाया जा सकता है। भूख लगने पर रोने, खुश रहने पर खेलने-हंसने से उसके स्वस्थ रहने का अंदाजा लगाया जा सकता है। उसकी अन्य शारीरिक क्रियाओं से भी उसके विकास की गति की परख की जा सकती है। प्रभारी एसीएमओ डॉ अशोक भारती ने बताया ने बताया कि यह काल जन्म से एक वर्ष उसके पूर्ण मानसिक और शारीरिक विकास की रूपरेखा तय करती है। इस दौरान शिशु के क्रिया कलापों से उसकी विकास की गति की परख की जा सकती है। जन्म के बाद दो माह के होने पर शिशु का विकास डॉ भारती बताते ने बताया कि शुरुआत के दिन में नवजात शिशु के सिर का विशेष ख्याल रखना होता है। इस वक्त शि...