बाराबंकी, मई 16 -- रामसनेहीघाट। शनिवार को अयोध्या के प्रवेश द्वार सुमेरगंज स्थित बुढ़े हनुमान जी के मंदिर में एक अद्भुत और अनोखे भंडारे का आयोजन किया जाएगा। बालाजी पूजा समिति के तत्वावधान में आयोजित इस विशेष भंडारे में हजारों बंदरों को देसी घी से बने माल पुए प्रसाद रूप में परोसे जाएंगे। यह परंपरा पिछले 27 वर्षों से अनवरत रूप से चली आ रही है, जिसकी शुरुआत 1998 में हनुमान भक्त आचार्य स्व. भगवान दुबे ने की थी। उनके निधन के बाद डॉ. आशुतोष गुप्त और वाला जी सेवा समिति ने इस परंपरा को जीवित रखा है। भंडारे की खास बात यह है कि आयोजन से दो दिन पूर्व हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए आसपास के मंदिरों और बागों में चने डालकर बंदरों को बाकायदा आमंत्रित किया जाता है। शनिवार की सुबह सुंदरकांड पाठ के बाद बंदरों के लिए माल पुए परोसे जाते हैं। इस मौके पर दूर-दरा...