चक्रधरपुर, अक्टूबर 23 -- बंदगांव, संवादाता। कुड़मी बहुल क्षेत्र में गोहाल पूजा धूमधाम से संपन्न हुआ। बुधवार को गोहाल पूजा के अवसर पर गोहाल को गोबर से लेप कर सजाया गया और दीप जलाया गया। इसके बाद बैलों के सींग में तेल व धान का माला पहनाया गया। उनके शरीर में रंग-बिरंगे छाप दिये गए। शाम के वक्त महिलाएं सूप में चावल व दीप लेकर बैलों को चूमाती और गुड़ पीठा खिलाई। गांव में सप्ताह भर लोग मांदर की थाप पर गोहाल और बांदना पर्व मनाते हैं। मेहमान सगे-संबंधियों के घर जाते हैं। गुड़ पीठा का पकवान बनता है। शहरों में दीपावली तो गांवों में सदियों से गोहाल और बांदना पर्व का अलग महत्व हैं, जो आज भी कायम है। गोहाल पूजा में बैल रहने वाले घर को साफ सुथरा कर गुड पीठा, धूप, दीप, चावल आदि से पूजा अर्चना किया गया। पूजा के बाद गोहाल घर में तीन, पांच एवं कोई सात मुर्गी ...