मेरठ, सितम्बर 22 -- छाती और सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. वीरोत्तम तोमर ने एएफएमसी पुणे में आयोजित त्रिदिवसीय नेशनल पल्मोनरी कांफ्रेंस में शिरकत की। उन्होंने कहा फेफड़ों के अंदर पानी भरने पर सही जांच कराएं। साथ ही अत्याधुनिक जांच के महत्व पर भी जोर दिया। डॉ. तोमर ने बताया फेफड़ों की झिल्ली में पानी आना मुख्य रूप से टीबी की बीमारी, इन्फेक्शन एवं निमोनिया से होती है। अन्य बीमारियां जैसे कैंसर, हार्ट फेलियर, किडनी फेलियर, लिवर फेलियर एवं कुछ अन्य कारणों से भी पानी फेफड़ों में भर जाता है। जांच के माध्यम से यह पता करें कि पानी किन कारणों से आया है। तभी उसका सटीक उपचार संभव है। कांफ्रेंस में देशभर से 700 से अधिक चिकित्सक व छाती रोग विशेषज्ञ शामिल हुए।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...