नई दिल्ली, मई 15 -- फुटपाथ पर पैदल चलने के अधिकार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य है। सर्वोच्च न्यायालय ने जोर दिया है कि बिना किसी बाधा के फुटपाथ का उपयोग करने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के मौलिक अधिकार का अनिवार्य हिस्सा है। यह सराहनीय बात है कि एस राजसीकरन बनाम भारत संघ और अन्य मामले में न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को दो महीने के भीतर पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सड़क सुरक्षा के लिए वाकई फुटपाथ सुरक्षा जरूरी है। फुटपाथ न होने से ही लोग सड़क पर चलने के लिए मजबूर होते हैं। फुटपाथ सुरक्षा की जरूरत को रेखांकित करते हुए याचिकाकर्ताओं में से एक, ...