वाराणसी, फरवरी 24 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। गंगा तट के तुलसीघाट के ध्रुपद तीर्थ पर सनसनाती फागुनी बयार में रविवार को पक्की गायिकी के स्वर घुले तो सरस्वती वीणा के तारों ने मन के तारों को आंदोलित कर दिया। पखावज की थाप तो मानों घाट से टकराती मां गंगा की लहरों से उठती आवाज से जुगलबंदी कर रही हो। ध्रुपद मेला की दूसरी निशा में रविवार को देश-विदेश के कलाकारों ने हाजिरी लगाई। इनके बीच एक विशिष्ट प्रस्तुति भी हुई। संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने लगातार दूसरे साल ध्रुपद मेला में पखावज वादन किया। इस वर्ष प्रो. मिश्र निशा के चौथे कार्यक्रम में पद्मश्री पं उमाकांत गुंदेचा और युवा कलाकार अनंत रमाकांत गुंदेचा के साथ मंचासीन हुए। इस सुयोग की सुखद अनुभूति दुनियाभर से जुटे ध्रुपद प्रेमियों ने की। युगल गायन का आरंभ राग सरस्वती में चौता...