फर्रुखाबाद कन्नौज, मई 30 -- सब्जी की खेती से किसान नफे के बजाय नुकसान में ही जा रहे हैं। पिछले काफी समय से सब्जी का रकबा भी नहीं बढ़ रहा है। शहर के आसपास क्षेत्र में जो सब्जी की खेती का रकबा था उसमें भी गिरावट आई है। इसका प्रमुख कारण है कि मार्केटिंग की व्यवस्था उचित न होना। किसान अपने उत्पाद को औने पौने दामों में बेचने को मजबूर हो रहे हैं। इस बार तो सब्जी की खेती में लागत तक नहीं निकल पायी है। टमाटर, तोरई, भिंडी, लौकी आदि बड़ी उम्मीद के साथ की गई थीं, मगर जब रेट आए तो उससे किसानों का मन हो रहा है कि अब दोबारा से यह सब्जियां न की जाएं। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से बातचीत में सब्जी किसान राधाकृष्ण कहते हैं कि अपने यहां की सब्जी मंडी से कोई फायदा नहीं मिल रहा है। यहां की सब्जी मंडी की तो नाकदरी हो रही है। वह कहते हैं कि सही बीज नहीं मिल पा...
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