सिद्धार्थ, अक्टूबर 31 -- सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान टीम। कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के परिक्षेत्र स्थित मिठवल ब्लॉक के इमलिया और माधोपुर गांव में गुरुवार को कृषि वैज्ञानिकों की ओर से फसल अवशेष प्रबंधन पर ग्राम स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। वैज्ञानिकों ने फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान और अवशेष प्रबंधन के लाभों की जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. शेष नारायण सिंह ने कहा कि फसल अवशेष जलाने से मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीव मर जाते हैं, पोषक तत्व जल जाते हैं और मिट्टी की ऊपरी सतह कठोर हो जाती है। इससे मिट्टी के रंध्रों में ऑक्सीजन की कमी आने के साथ जल धारण क्षमता घट जाती है। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष को जलाने की बजाए उसका प्रबंधन करने से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ बढ़ता है, सूक्ष्मजीवों की संख्या में वृद्धि होती...
		
			Click here to read full article from source
			
			To read the full article or to get the complete feed from this publication, please 
Contact Us.