कौशाम्बी, नवम्बर 7 -- मंझनपुर, संवाददाता। उप कृषि निदेशक सतेन्द्र कुमार तिवारी ने जिले के किसानों से आवाहन किया है कि वह खेतों में पराली को न जलाएं और इसके लिए अवशेष प्रबंधन के उपायों को अपनाएं। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए बायो एनर्जी व कम्पोस्ट खाद बनाने में पराली का उपयोग करें। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम अंतर्गत खेत में फसल अवशेष जलाया जाना एक दंडनीय अपराध है। पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए दंड का प्रावधान किया गया है। इसमें दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 प्रति घटना जुर्माना वसूला जाएगा। इसी प्रकार दो एकड़ से पांच एकड़ तक के लिए 5000 प्रति घटना तथा पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15000 प्रति घटना जुर्माना वसूला जाएगा। उन्होंने किसनों को सूचित किया है कि पराली न जलाएं, फसल अवशेष प्रबंधन के उपायों को अ...