गंगापार, जून 11 -- बाबूगंज, हिन्दुस्तान संवाद। नैनो यूरिया प्लस, केवल फसलों पर ही कारगर है ऐसा नहीं ये फसलों के साथ सब्जियों, फलदार पेड़ों पर भी इसका बेहतर प्रभाव है। यह बातें इफको कार्डेट में बेलहाबांध , सांवडीह और खोदायपुर गांव के आए 44 प्रगतिशील किसानो को संबोधित करते हुए बुधवार को कही। उन्होंने रोपाई और बुवाई वाली फसलों के लिए नैनो डीएपी तरल की 5 एमएल प्रति किलो बीज की दर से शोधन करके बुवाई करनी चाहिए। रोपाई वाली फसलों का जड़ शोधन 5 एम.एल. प्रति लीटर पानी के घोल से करना चाहिए। इसी क्रम में फसल के 35 से 40 दिन की अवस्था पर नैनो यूरिया प्लस का पर्णीय छिड़काव 4 एम.एल. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर करना चाहिए। आईआरडीपी प्रभारी राजेश कुमार सिंह ने खेती में जैव उर्वरकों एवं जैव अपघटक के प्रयोग की जानकारी दी । कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभ...