लातेहार, अगस्त 26 -- लातेहार संवाददाता। बड़ी हसरतों से गरीबों का पेट भरने के लिए तैयार की गई मुख्यमंत्री दाल-भात योजना का हश्र भी कुछ न कुछ वैसा ही दिख रहा है जैसा झारखंड की अधिकांश योजनाओं के साथ होता है। इस योजना से कुछ गरीबों का पेट भर रहा है तो अफसरों और आपूर्ति कर्ता की तिजोरी भर रही थी, वो तो जांच के बाद खुलासा हुआ और भुगतान पर रोक लगा दी गई। फर्जी लाभुकों को के सहारे लाखों रुपए गबन करने की तैयारी थी। मेसर्स रमेश प्रसाद प्रमोद प्रसाद जो लातेहार जिले के 13 केंद्रों पर खाद्यान्न आपूर्ति कर रहे थे। प्रतिमाह करीब 5 लाख 90 हजार का भुगतान होना था। शहरी क्षेत्र के केंद्रों पर प्रतिदिन करीब 400 वही ग्रामीण क्षेत्रों में 200 लाभुकों की सूची बताकर भुगतान की डिमांड की गई थी। डीसी के निर्देश पर हुई जांच में यह पाया गया कि एक केंद्र में औसतन 15 स...
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