देहरादून, अप्रैल 1 -- साहित्य अकादमी से बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर डॉ. दिनेश चमोला 'शैलेश' के सृजन-मूल्यांकन विषय पर 21वां राष्ट्रीय पाक्षिक व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, मद्रास के संयोजन में उनके चर्चित हिंदी दोहा संग्रह 'कान्हा की बांसुरी' पुस्तक पर केंद्रित रहा। समारोह की अध्यक्षता अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति, प्रोफ़ेसर डीएस डहेरिया ने की। चर्चा में हिमाचल साहित्यकार सुदर्शन वशिष्ठ विशिष्ट अतिथि रहे। प्रो. संजीव चौहान पूर्व आचार्य एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक (हरियाणा) आमंत्रित अतिथि के रूप में विचार रखे।

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