संजोग मिश्र, फरवरी 18 -- Maha kumbh 2025: मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान के लिए करोड़ों श्रद्धालु खिंचे चले आ रहे हैं। इस अद्भुत आध्यात्मिक संगम के कारण पिछले डेढ़ महीने से प्रयागराज का नाम पूरी दुनिया में छाया हुआ है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि तीर्थराज प्रयाग केवल गंगा-यमुना और अदृश्‍य सरस्वती का नहीं, प्रकृति के दो और अनूठे संगम को अपनी भौगोलिक सीमा में समेटे है। आइए इस दूसरे और तीसरे संगम के बारे में हम आपको बताते हैं- क्षेत्रफल के अनुसार उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिलों में से एक प्रयागराज में मैदान और पहाड़ का संगम भी देखने को मिलता है। जिले के यमुनापार इलाके में शंकरगढ़ से विंध्य की पर्वतमाला शुरू हो जाती है, जबकि दूसरी ओर गंगा का मैदानी इलाका पड़ता है। पूर्वी और पश्चिमी भारत को अलग-अलग करने वाला 82.5 डि...