प्रयागराज, जुलाई 27 -- वर्षा योग समिति की ओर से रविवार को जीरो रोड स्थित जैन धर्मशाला में चातुर्मास कर रहे जैन आचार्य दया सागर व मुनि दीक्षा ने प्रवचन दिया। जैन आचार्य ने कहा कि मुझे पहली बार 44वें वर्षा योग की स्थापना करके हर्ष की अनुभूति हो रही है। यह वही धरा है, जहां जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव के अलावा कई संतों ने तप, त्याग की साधना की है। प्रथम तीर्थंकर ने दिगंबर जैन मुनि बनकर मुनि मार्ग का प्रवर्तन किया था।

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