नई दिल्ली, नवम्बर 18 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ द्वारा दायर एक नई जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें देश में बढ़ते वायु प्रदूषण स्तर से निपटने में 'लगातार और व्यवस्थागत विफलता' से निपटने के लिए तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गई थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने समग्र स्वास्थ्य प्रशिक्षक (होलिस्टिक हेल्थ कोच) ल्यूक क्रिस्टोफर कॉउटिन्हो को जनहित याचिका वापस लेने और पर्यावरणविद् एम. सी. मेहता द्वारा प्रदूषण पर दायर एक लंबित मामले में हस्तक्षेप याचिका दायर करने की अनुमति दे दी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि याचिकाकर्ता एम. सी. मेहता मामले में लंबित कार्यवाही में हस्तक्षेप याचिका वापस लेने की स्वतंत्रता चाहते हैं। अदालत बुधवार को प्रदूषण पर मुख्य याचिका पर सुनवाई करेगी। कॉउटिन्हो ने 24 अक्तूबर को याचिका दा...