नई दिल्ली, नवम्बर 14 -- बिहार में जैसे रिकॉर्ड मतदान ने चौंकाया था, ठीक वैसे ही नतीजों ने भी अचरज में डाल दिया है। नतीजे किसी भी चुनावी सर्वेक्षण या अनुमान से परे आए हैं। यहां तक कि विजेता गठबंधन भी ऐसी बड़ी जीत की कल्पना नहीं कर रहा था। बिहार का यह ऐतिहासिक जनादेश अपने आप में राजनीतिक-सामाजिक अध्ययन की मांग कर रहा है। ऐसी हार या ऐसी जीत सबक है, जिससे भविष्य की रूपरेखा तय होती है। हर दल को कुछ न कुछ सबक मिले हैं, जिनके अनुरूप उन्हें चलना होगा। भाजपा को अगर अकेले देखा जाए, तो यह उसकी बड़ी रणनीतिक जीत है। बिहार में एनडीए गठबंधन या क्षेत्रीय दलों को जिस तरह से भाजपा के रणनीतिकारों ने बल दिया है, वह गौरतलब है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर बिहार में जो सियासी तीर चलाए जा रहे थे, उनमें से ज्यादातर तीरों को नाकाम करके ही यह बड़ी जीत हासिल हुई है...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.