भागलपुर, मार्च 13 -- भागलपुर, कार्यालय संवाददाता। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर का उद्देश्य है कि किसी भी किसान को फसलों में नुकसान न हो। यही नहीं, यदि नुकसान की स्थिति बने तो फसल तैयार होने से पहले ही उसे रोका जा सके। इसके लिए बीएयू के प्लांट फिजियोलॉजी एंड बायॉयोकेमेस्ट्री विभाग ने पौधों की एमआरआई का इंतजाम किया है। विभाग ने कुलपति प्रो. दुनिया राम सिंह के निर्देशन में प्लांट फेनोटाइपिंग तकनीक तैयार की है। जो खेतों की बीमारी को एक पौधे को फेनोटाइपिंग विधि से विस्तृत स्वास्थ्य परीक्षण करती है। इसके बाद इंफ्रारेड थर्मल इमेजिंग तरीके से पौधों का परीक्षण कर लेती है। इसके बाद जो कमियां या बीमारी पकड़ में आती हैं, उसे दूर किया जाता है। इस तकनीक को तैयार करने में बीएयू की वैज्ञानिक सरिता नाहकपम, अवधेश कुमार पाल, राकेश देव रंजन, सुदेशना...
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